में बानगी बेदर्द सर्पनी कूद बेटे को खाती उदयसिंह के बदले चंदन तेरा खून करती नो मास गर्भ रखियो ताने पेट फाड़ के जाया जिस दिन जन्म हुआ महलो में भारी हार्स मनाया पर जान भुझ के अंगारो की सेज पे तुझे सुलाया --खोटा बकत लिखा लायो मेरी कोन्या पार बसाती उदयसिंह के बदले चंदन----------- ---- भोजन तक खिलाना पाई अपने हाथ कन्हिया भूखा सोगया भारी रे नींद में अब ना बचेगा छैया ज़िन्दगी होगी बच जाएगा मेरी पड़ी भाबर में नइया पेस चले ना मेरी कोई आज दिखे नही खिबैया मौत की सैया तुझे लाडले तेरी मात सुलाती उदयसिंह के बदले चंदन,,,,"""""""" अंतिम मिलान दिखा सूरत तेरे बधु कफन सर से नही बचेगा आज लाडले जालिम के खंजर से बज़्ज़र का दिल करके बैठी पन्ना आज सब्र के फिगर से घायल हुई मात तेरी बेबस ही रह जाती उदयसिंह के बदले चंदन,,,,,,,,,,,,,,,, पन्ना का दिल नही हालता बेटे की आग देखके कैसे सब्र करेगी पन्ना उजड़ा बाग देखके मौत तलक भी रोती होगी धाय का त्याग देखके मोनू भी महफ़िल में रोबे बेदर्दी राग देखके खोटा भाग देखके रे बेटे मेरी फटे छाती उदयसिंह के बदले चंदन तेरा खू...