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Baghelo ka etihas

                                         बघेल साम्राज्य                                         बघेल राजपूत बंश   बघेल" सोलंकी वंश की एक प्रमुख खापें में से है। बघेल वंश के आदि पुरुष महाराजा व्याघ्रदेव थे। व्याघ्रदेव के पूर्वज पहले व्याघ्रपल्लों (गुजरात) के सामन्त थे। अनहिलवाड़े के महाराज जयसिंह के शिलालेख में वर्णित है कि जब अनहिल वाड़े में भीमदेव सोलंकी राज्य करते थे। तो उनके राज्य के व्याघ्रपल्लो के सरदार लषण प्रसाद तथा उनका पुत्र बीरधवल इतने प्रभावशाली हो गए कि भीमदेव को उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित करना पड़ा। व्याघ्रपल्लो गांव इन्हें चालुक्य राजा कुमारपाल ने जागीर में दिया था। वीर धवल के वंश में आगे चलकर व्याघ्रदेव का सन् ६१५ में होना प्रमाणित हो चुका है। इन्होंने रीवाँ के आसपास अपना राज्य स्थापित किया जो बाद में बघेलखंड कहलाया। रीवाँ के कवि अजमेश जी ने इ...